शिव पुराण – जानें कहानियों के जरिये विज्ञान
आध्यात्मिकता और रहस्यवाद क्या शिव का महत्व सिर्फ सांस्कृतिक है, या फिर इस भस्म से सजे योगी - देवों के देव - महादेव के अन्य पहलू भी हैं? हिंदू संस्कृति में पुराणों की चर्चा खूब मिलती है। इन्हीं पुराणों में से एक है – शिव पुराण। तो क्या है इस पुराण में – सिर्फ कहानियां या कहानियों के जरिए कुछ और बताने की कोशिश की गई है? शिव पुराण – कहानी के पीछे क्या है विज्ञान? जिस विशाल खालीपन को हम शिव कहते हैं, वह सीमाहीन है , शाश्वत है। मगर चूंकि इंसानी बोध रूप और आकार तक सीमित होता है, इसलिए हमारी संस्कृति में शिव के लिए बहुत तरह के रूपों की कल्पना की गई। गूढ़, समझ से परे ईश्वर, मंगलकारी शंभो, बहुत नादान भोले, वेदों, शास्त्रों और तंत्रों के महान गुरु और शिक्षक , दक्षिणमूर्ति, आसानी से माफ कर देने वाले आशुतोष, स्रष्टा के ही रक्त से रंगे भैरव, संपूर्ण रूप से स्थिर अचलेश्वर, सबसे जादुई नर्तक नटराज , आदि। यानी जीवन के जितने पहलू हैं, उतने ही पहलू शिव के बताए गए। आम तौर पर दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में, जिस चीज को लोग दैवी या ईश्वरीय मानते हैं, उसे अच्छा ही दर्शाया जाता है। लेकिन अगर आप शिव पुरा