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Vlookup function

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  Vlookup फंक्शन क्या है और कैसे इस्तेमाल करें। What is Vlookup function and How to Use it? आप Vlookup फंक्शन का इस्तेमाल किसी MS-Excel डाटा में पहले कॉलम को ढूंढने के लिए कर सकते हैं, और यह आपको उसी रॉ सेल्स में लिखे वैल्यू को दर्शा देगा ।   उदाहरण के लिए: आपके पास कुछ प्रोडक्ट्स की लिस्ट और उनकी रेट व उनके सप्लायर है, और अगर आपको उनमें से कुछ प्रोडक्ट्स के सप्लायर और उनकी रेट को किसी दूसरी लिस्ट में ढालना है जहाँ सिर्फ उन प्रोडक्ट्स के नाम हैं तो आपके लिए इसे करने का सबसे आसान रास्ता है Vlookup फंक्शन का इस्तेमाल करना । फंक्शन का स्वरुप: VLOOKUP(lookup_value, table_array, col_index_num, [range_lookup]) Vlookup फंक्शन का इस्तेमाल करना :- आपको उस सेल पर आना होगा जहाँ पर आपको सर्च की हुई वैल्यू को डालना है या लिखना है ।  उसके बाद इन्सर्ट फंक्शन पर क्लिक करना है (चित्र अनुसार), फिर Search for a function में Vlookup टाइप करके OK बटन पर क्लिक करना होगा ।  उसके बाद निन्म कदम को फॉलो करना होगा ।  Lookup_value में उस सेल को सेलेक्ट करना होगा जिसे आपको ढूँढना है । Table_array में उस डाटा सेल र

शिव पुराण – जानें कहानियों के जरिये विज्ञान

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आध्यात्मिकता और रहस्यवाद क्या शिव का महत्व सिर्फ सांस्कृतिक है, या फिर इस भस्म से सजे योगी - देवों के देव - महादेव के अन्य पहलू भी हैं? हिंदू संस्कृति में पुराणों की चर्चा खूब मिलती है। इन्हीं पुराणों में से एक है – शिव पुराण। तो क्या है इस पुराण में – सिर्फ कहानियां या कहानियों के जरिए कुछ और बताने की कोशिश की गई है? शिव पुराण – कहानी के पीछे क्या है विज्ञान? जिस विशाल खालीपन को हम शिव कहते हैं, वह सीमाहीन है ,  शाश्वत है। मगर चूंकि इंसानी बोध रूप और आकार तक सीमित होता है, इसलिए हमारी संस्कृति में शिव के लिए बहुत तरह के रूपों की कल्पना की गई। गूढ़, समझ से परे ईश्वर, मंगलकारी शंभो, बहुत नादान भोले, वेदों, शास्त्रों और तंत्रों के महान गुरु और शिक्षक ,  दक्षिणमूर्ति, आसानी से माफ कर देने वाले आशुतोष, स्रष्टा के ही रक्त से रंगे भैरव, संपूर्ण रूप से स्थिर अचलेश्वर, सबसे जादुई नर्तक नटराज ,  आदि। यानी जीवन के जितने पहलू हैं, उतने ही पहलू शिव के बताए गए।    आम तौर  पर दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में, जिस चीज को लोग दैवी या ईश्वरीय मानते हैं, उसे अच्छा ही दर्शाया जाता है। लेकिन अगर आप शिव पुरा

भगवान शिव

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आशुतोष बाजपेई     शिव पुराण के अनुसार शिव पुराण के मुताबिक भगवान शिव को स्वयंभू माना गया है यानि इनकी उत्पत्ति स्वंय हुई हैं। भोलेनाथ जन्म और मृत्यु से परे हैं। विष्णु पुराण के अनुसार विष्णु पुराण में भगवान शिव के जन्म के संबंध में एक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार एक बार ब्रह्रमा जी को एक बच्चे की जरुरत थी तब उन्होंने इसके लिए तपस्या की। तभी अचानक उनकी गोद में रोते हुए बालक शिव प्रकट हुए। ब्रह्मा ने बच्चे से रोने का कारण पूछा तो उसने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया कि उसका नाम ‘ब्रह्मा’ नहीं है इसलिए वह रो रहा है। तब ब्रह्मा ने शिव का नाम रूद्र रखा जिसका अर्थ होता है रोने वाला।       पौराणिक कथा शिव के ब्रह्मा पुत्र के रूप में जन्म लेने के पीछे भी विष्णु पुराण में एक पौराणिक कथा है। इसके अनुसार जब धरती, आकाश, पाताल समेत पूरा ब्रह्माण्ड जलमग्न था तब ब्रह्मा, विष्णु और महेश के सिवा कोई भी देव या प्राणी नहीं था। तब केवल विष्णु ही जल सतह पर अपने शेषनाग पर लेटे नजर आ रहे थे। तब उनकी नाभि से कमल नाल पर ब्रह्मा जी प्रकट हुए। जब ये दोनो देव सृष्टि के संबंध में बातें कर रहे थे तो शिव जी प्रकट हुए। ब्